इंट्रा डे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING)
इंट्रा डे ट्रेडिंग, जैसा कि नाम से समझ आ जाता है, एक दिन भर के अन्तराल (इंट्रा) में की जाने वाली खरीद और विक्री यानी ट्रेडिंग ,
किसी शेयर या स्टॉक को जिस दिन ख़रीदा जाये, उसी दिन उस शेयर को मार्केट बंद होने से पहले बेच भी दिया जाये, या अगर आप शार्ट सेलिंग करते है, तो मार्केट बंद होने से शेयर खरीद कर अपनी ओपन पोजीशन को क्लोज कर ली जाये, तो इस तरह कि Trading को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहा (Intraday Trading) जाता है,
जैसे – डे ट्रेडिंग, MIS (Margin Intraday Square off),
इंट्रा डे ट्रेडिंग (INTRADAY TRADING) के फायदे –
एक दिन का RISK होना–
आप को इंट्रा डे ट्रेडिंग में सौदों को एक दिन में ही पूरा करना होता है,
जैसे आज ख़रीदा तो आज ही बेचा ,और इस तरह आप सिर्फ एक दिन का ही रिस्क उठाते है
आपको दिन भर के अन्दर ही लाभ या हानी हो जाता है,
आपको ज्यादा समय का इन्तेजार नहीं करना होता है,
MARGIN MONEY की सुविधा मिलना-इंट्रा डे ट्रेडिंग में सभी ब्रोकर्स अपने ग्राहकों को इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए MARGIN MONEY देते है,
जैसे अगर आपके पास 10 हजार रूपये है , और आपका ब्रोकर 10 गुना MARGIN MONEY दे रहा है, तो आप 10 हजार का 10 गुना यानी 1 लाख तक के शेयर खरीद और बेच सकते है ,
अब मान लीजये आपके पास 10 हजार रुपए थे और आपने MARGIN MONEY का इस्तेमाल करके आपने 1 लाख का शेयर ख़रीदा, और आपने चूँकि इंट्रा में TRADE लिया है,
जब शेयर्स के भाव बढ़ जाये -(PRICE GO UP)अब मान लीजिये कि मार्केट बंद होने के समय अगर आपने जो 1 लाख का शेयर लिया था, उसकी कीमत 1 लाख 1 हजार हो गई है, और आप उस बेचते है, तो आपको 1 हजार का लाभ होता है,
और आपके पास अब AMOUNT हो जाता है , 10 हजार जो आपका था और साथ में 1 हजार का लाभ यानी कुल 11 हजार, (जिसमे आपको ब्रोकर का फीस और शेयर खरीदने और बेचने का चार्जेज भी देना होता है,)
जब शेयर्स के भाव घट जाये – (PRICE GO DOWN)
अब मान लीजिये कि मार्केट बंद होने के समय अगर आपने जो 1 लाख का शेयर लिया था, उसकी कीमत 99 हजार हो गई है, और आप उस बेचते है, तो आपको 1 हजार का नुकसान होता है,
और आपके पास अब AMOUNT हो जाता है , 10 हजार जो आपका था और साथ में 1 हजार का LOSS कम करने पर – 9 हजार, (जिसमे आपको ब्रोकर का फीस और शेयर खरीदने और बेचने का चार्जेज भी देना होता है,)
जब शेयर्स के भाव उतने ही हो जितने पर आपने लिया – (NO PRICE CHANGE)
अगर मार्केट बंद होने के समय – अगर कोई price change नहीं होता है और जो 1 लाख का शेयर लिया था, उसकी कीमत 1 लाख ही है, और आप उस बेचते है, तो आपको कोई फायदा नहीं होता है,
और आपके पास आपका AMOUNT ही बच जाता है , 10 हजार जो आपका था, (जिसमे आपको ब्रोकर का फीस और शेयर खरीदने और बेचने का चार्जेज भी देना होता है,)
ध्यान देने वाली बाते –
- अगर आप ब्रोकर से मार्जिन लेकर ट्रेड लेते है तो ऐसे में, आपको अपना सौदा उसी दिन पूरा करना होता है, मार्केट के बंद होने से पहले, अगर आप मार्केट बंद होने से पहले खुद सौदे को पूरा नहीं करते है तो मार्केट बंद के समय शेयर का भाव जो भी होगा, आपका ब्रोकर उसे बेचकर अपना मार्जिन मनी ले लेगा,
- ब्रोकर को आपको होने वाले फायदे या नुकसान से कोई लेना देना होना होता है, आपने जो भी मार्जिन मनी लिया हुआ, उसको उतना मार्केट बंद होने से पहले वो वापस चाहिए होता है,
- इंट्रा डे में मार्जिन मनी का इस्तेमाल बहुत सोच समझ कर करना चाहिए, क्योकि ये एक ऐसा हथियार है , जो दोनों तरफ चलता है, ये आपको अच्छा फायदा भी दिलाता है, तो साथ ही कभी आपको बहुत बड़े नुकसान में भी ले जाता है, और अक्सर एक नए स्टॉक मार्केट ट्रेडर का पहला loss इंट्रा डे में ही होता है,
- Intraday Trading आपको तभी करना चाहिए जब आपको स्टॉक मार्केट में कम समय में होने वाले उतार चढाव के बारे में कुछ बेहतर जानकारी हो, लेकिन अक्सर लोग इसका उल्टा करते है, नया निवेशक Intraday Trading सबसे पहले करने की कोशिस करता है,
- Intraday Trading बनाने का सबसे बड़ा कारण, मार्केट में शोर्ट टर्म में होने वाले उतार और चढाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है,
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