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AePS एक आधार-आधारित भुगतान प्रणाली है. जिसके द्वारा अंतर-वित्तिय बैंकिंग लेनदेन समावेशन आसानी से हो पाता हैं. इसे NPCI (National Payment Corporation of India) ने भारतीय रिजर्व बैंक तथा सदस्य बैंकों की सलाह से विकसित किया हैं. जिसका उद्देश्य बैंकिंग़ से वंचित इलाकों में बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराना हैं.
इस System के द्वारा लेनदेन बहुत आसान हो गया है. अब ग्राहकों को पैसा निकालने के लिए और जमा कराने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है. और ना उन्हे बैंक पासबुक/डेबिट कार्ड आदि साथ रखने का झंझट है. बस आधार नंबर से उनके बेसिक बैंकिंग काम घर या फिर घर के नजदीक ही पूरे हो जाते हैं.
जिन क्षेत्रों में बैंक शाखाएं नहीं होती है. उन क्षेत्रों के लोगों के लिए यह Aadhaar Enabled Payment System एक वरदान साबित हुआ है. क्योंकि, अब बैंक इनके पास ही आ गये हैं. इन्हे बैंक जाने की कोई जरूरत नहीं हैं.दरअसल, NePS का उपयोग एक बैंक मित्र (Bank Correspondent – BC) की सहायता से किया जाता है. Bank BC के पास Micro ATM/ PoS मशीन होती है जिसके साथ बायोमैट्रिक डिवाइस जुडा रहता है.
जिन क्षेत्रों में बैंक शाखाएं नहीं होती है. उन क्षेत्रों के लोगों के लिए यह Aadhaar Enabled Payment System एक वरदान साबित हुआ है. क्योंकि, अब बैंक इनके पास ही आ गये हैं. इन्हे बैंक जाने की कोई जरूरत नहीं हैं.दरअसल, NePS का उपयोग एक बैंक मित्र (Bank Correspondent – BC) की सहायता से किया जाता है. Bank BC के पास Micro ATM/ PoS मशीन होती है जिसके साथ बायोमैट्रिक डिवाइस जुडा रहता है.
ग्राहक अपनी आधार संख्या दर्ज करता है और जमा/निकासी रकम बताकर अगुंठा से या फिर आंख की पुतली का फोटू से पहचान को प्रमाणित करता है. पहचान की पुष्टि हो जाने के बाद लेनदेन पूरा हो जाता है.
AePS के द्वारा उपलब्ध सेवाएं-
AePS द्वारा ग्राहकों को वित्तिय तथा गैर-वित्तिय दोनों प्रकार की सेवाएं मुहैया कराई जाती है. जिनका विवरण इस प्रकार है.
- नगद निकासी
- नगद जमा
- अंतर बैंक फंड ट्रांसफर
- खाते का मिनि विवरण
- बैलेंस पूछताछ
मनी ट्रांसफर का कार्य संबंधित बैंक का BC ही कर सकता है. शेष सेवाएं किसी भी बैंक मित्र द्वारा ली जा सकती हैं. इसलिए AePS से एक चलता-फिरता बैंकिंग सिस्टम तैयार हो गया है. अब कहीं भी बैंकिंग़ कर सकते हैं. जिसे अंग्रेजी में ‘Banking on the Go’ कहा जाता हैं.
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AePS का सबसे बड़ा फायदा ये हुआ है कि इससे बैंकिगं से वंचित सुदूर इलाकों (Remote Areas) तक भी बैंकों की पहुँच सुनिश्चित हो गई हैं. यह भारत सरकार तथा संबंधित संस्थाओं के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि हैं.
इस पेमेंट सिस्टम के निम्न फायदें है.
- गाहकों को घर बैठे-बैठे बैंकिंग सेवाएं मिल रही है
- वे पैसा जमा कराने तथा निकालने के लिए शहरों तथा तहसील/जिला मुख्यालयों में उपलब्ध बैंकों की शाखाओं में जाने से बच रहे हैं
- वित्तिय लेनदेन करने के लिए पासबुक, डेबिट कार्ड आदि साथ लाने की जरुरत खत्म
- खाते की जानकारी (खाता नंबर, खाताधारक का नाम, बैंक का नाम) आदि याद रखने का झंझंट से आजादी
- हस्ताक्षर किये बिना और अगुंठा लगाए बिना ही लेनदेन संभव. और पर्ची भरने की भी कोई आवश्यकता नहीं
- केवल आधार संख्या और फिंगरप्रिंट से लेनदेन की सुविधा
- एक सुरक्षित और तेज भुगतान प्रणाली है
- मुफ्त सुविधा
- अंतर बैंकिये लेनदेन संभव (एक बैंक से दूसरे बैंक में फंड ट्रांसफर करना)
- विभिन्न सरकार योजनाओं यथा नरेगा, सामाजित सुरक्षा पेंशन आदि का त्वरित भुगतान
ध्यान दें-
आधार-आधारित भुगतान प्रणाली ग्राहकों के लिए मुफ्त है. मगर कुछ बैंक शुलक भी वसूल करते है. जिसके बारे में आप अधिक जानकारी बैंक मित्र से ले सकते हैं.
AePS से लेनदे करने के लिए आवश्यक चीजें-
Aadhaar-Based Payment System किसी प्रकार का कागज या डेबिट कार्ड/एटीएम कार्ड की मांग नहीं करता है. मगर, ग्राहक का बैंक खाता आधार से जुड़ा रहना इसकी बुनियादी जरूरत है. नहीं तो ग्राहक के लिए यह प्रणाली बेकार है.
AePS लेनेदे के लिए निम्न बुनियादी चीजों की जरूरत पड़ती हैं.
- आधार संख्या
- खाताधारक का फिंगरप्रिंट या आंख की पुतली का फोटू
- बैंक या IIN (Issuer Identification Number)
- बैंक मित्र या BC – Bank Correspondent
- Micro ATM/PoS मशीन बायोमैट्रिक डिवाइस के साथ
इसका मतलब यह है कि आप सिर्फ आधार संख्या से पूरा लेनदेन कर कर सकते है. खाता संख्या, खाताधारक का नाम, बैंका शाखा का नाम आदि फालतु की जानकारी याद रखने की कोई जरुरत नहीं हैं.
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AePS का उपयोग कैसे करें – How to Use AePS?
- अपने नजदीकि बैंक मित्र के पास जाएं या फिर उसे अपने घर भी बुला सकते है (अगर ऐसा करना संभव है तब).
- बैंक मित्र के पास मौजूद मशिन में अपनी आधार संख्या दर्ज कीजिए या फिर बैंक मित्र को अपना आधार कार्ड पकड़ा दीजिए वे दर्ज कर देगा.
- इसके बाद लेनदेन का प्रकार का चुनिए:
- नगद निकासी
- नगद जमा
- फंड ट्रांसफर
- बैलेंस पूछताछ
- मिनि विवरण
- अब अपना बैंक का चुनाव कीजिए या फिर बैंक मित्र से करवा लिजिए.
- लेनदेन की राशि दर्ज कीजिए.
- अपना फिंगरप्रिंट लगाकर या फिर पुतली का फोटू खिंचाकर पहचान की पुष्टि करा लिजिए.
- पहचान पुष्टि होने के पश्चात लेनदे पूरा हो जाएग. अपनी रिसिप्ट लेना ना भूलें
AePS कितना सुरक्षित हैं – Is AePS Secure?
AePS शत-प्रतिशत सुरक्षित भुगतान प्रणाली हैं. इसके सुरक्षित होने के पीछे दो कारण है.
- बैंक खाता की जानकारी की जरुरत नहीं
- आधार से प्रमाणिकरण
बैंक खाता की जानकारी की जरूरत नहीं-
इस पेमेंट सिस्टम के द्वारा बैंकिंग लेनदेन करने के लिए ग्राहक को अपने खाता से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी का विवरण दर्ज करने की आवश्यकता नहीं पड़ती हैं.
इसलिए तीसरे इंसान को मालूम ही नहीं चलता कि लेनदेन किस खाता से हो रहा हैं. जब खाते की जानकारी नहीं होगी तो उसके साथ कैसा खतरा?
आधार से प्रमाणिकरण-
आधार कार्ड इस भुगतान प्रणाली का केंद्र बिंदु है. क्योंकि यह पूरी भुगतान प्रणालि केवल आधार पर निर्भर है. इस सिस्टम का आधार ही आधार हैं.
आधार कार्ड एक विशिष्ट पहचान पत्र है. जिसमें व्यक्ति की अन्य जानकारी के साथ अंगुलियों के निशान तथा पूतली का फोटू मौजूद रहता है. इस जानकारी को बायोमैट्रिक डेटा कहते हैं. अन्य व्यक्ति से इसका मिलान नहीं हो सकता है.
जब AePS से लेनदेन होता है तो ग्राहक आवश्यक विवरण दर्ज करने के बाद इसकी पुष्टि फिंगरप्रिंट या पुतली से करता है. इस डेटा का मिलान UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के डेटा सेंटरों में मौजूद डेटा से होता है. यदि डेटा मिल जाता है तो लेनदेन पूरा हो जाता है. अन्यथा असफल हो जाता है.
इसलिए यह प्रणाली 100% सुरक्षित साबित हुई है.
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